May 16, 2024
Namaz Mein Kitne Farz Hai

Namaz Mein Kitne Farz Hai – नमाज़ में कितनी फर्ज होती है ?

Namaz Mein Kitne Farz Hai :- अस्लामालैकुम मेरे प्यारे दोस्तों ,भाइयों और बहनो आज के इस पोस्ट हम जानने वाले हैं, कि नमाज़ में कितनी फर्ज होती है ?

वैसे तो नमाज बहुत से लोग पढ़ते हैं, लेकिन कुछ ही लोग होते हैं जिन्हें पता होता है, कि नमाज में कितने फ़र्ज़ है ।

अगर आप भी ये जानकारी जानना चाहते हैं, तो ये पोस्ट आपके लिए आज के इस में हम Namaz Mein Kitne Farz Hai इस विषय पर बात करने वाले हैं तो पोस्ट को शुरू से अंत तक जरूर पढ़ें ।


Namaz me Kitne Farz Hai

दोस्तों नमाज में फ़र्ज़ की बात करें तो 7 फ़र्ज़ है, जो कि निम्न है :-

  1. तकबीरे तहरीमा
  2. कयाम करना
  3. किराअत करना
  4. रुकुअ करना
  5. सज्दा करना
  6. काअदए अखिरा
  7. नमाज़ पुरा करना

दोस्तों नीचे हमने सातों फ़र्ज़ को स्टेप बाई स्टेप बताया है तो ध्यान से पढ़े ताकि आप को समझ मे आ सके ।

  1. तकबीरे तहरीमा

तकबीरे तहरीमा का मतलब होता है अल्लाहु अकबर कहते हुई नमाज को शुरू करना वैसे तो नमाज में अल्लाह अकबर कहते हुए नमाज शुरू किया जाता है जो लोग इसे छोड़ देते हैं उनका नमाज मुकमल नहीं होता है।

वैसे लोग जो बोल नहीं सकते वो गूंगे है उन्हें चाहिए कि जब वो नियत करें और अल्लाह अकबर की बारी आये तो अपने दिल से अल्लाह अकबर बोले औऱ जवान को थोड़ी से हिला दें।

2. कयाम करना

जब हम नमाज के लिए मुसल्ले पर खड़े होकर दोनों हाथ को बांध कर अल्लाह अकबर कहते हैं उसे ही क़याम कहते हैं,इसमे आपको ध्यान देना होता है कि आपका पैर सीधी हो तिरछी न हो और बदन को हिला डोला न करें ।

आपकी निगाह सजदे करने की जगह हो इधर उधर न देखे क्यों अल्लाह ताला सब कुछ देखता है ।

3. क़िरात करना

क़याम के बाद सूरह फातिहा और कुरान की सूरह को पढ़ना ही क़िरात कहलाता है इसमे आपको कुरान की तीन आयत  पढ़ना होता या फिर आप कोई एक सूरह पढ़ सकते हैं ।

सूरह को पढ़ते समय आपको इस बात का ध्यान देना जरूरी है कि जब आप सूरह को पढ़े तो इसे पढ़े की आपको सुनाई दें इतनी जोर से भी मत पढ़े की सामने वाले को तकलीफ को ऐसा पढ़े की आपको समझ मे आ सके कि आप क्या पढ़ रहे हैं ।

4. रुकू करना

नमाज की हमारी चौथी फ़र्ज़ है रुकू करना रुकू और सजदा नमाज में एक ही बार मे होता हैरुकू का अर्थ होता है कि आपका शरीर ऐसे नीचे झुके की आपका कमर और पीठ एक सीधी रेखा में हो जिस पर अगर कोई गोल वस्तु या चीज रखे तो वो गिरे नहीं ।

बहुत से लोग यही पर ये गलती कर देंते की वो रुके जल्दी जल्दी कर देते हैं तो आपको ध्यान देना है कि जब रुकू करे तो थोड़ी देर रुके फिर सजदा में जाये ।

5. सज्दा करना

रुकू के बाद जो पांचवी फ़र्ज़ है वो सजदा है हर रकत में आपको दो बार सजदा करना होता है जब आप सजदे में जाये तो ध्यान दें कि आपका दोनों हाथ  कान के बार मे हो और अपने केहुनी को खुले रखे और पूरे दिल से सजदे की दुआ को पढ़े

6. क़ादा-ए-आख़ीरा करना

क़ादा-ए-आख़ीरा करना का अर्थ होता है नमाज के आखरी में बैठना चाहे नमाज फ़र्ज़ हो या सुन्नत वाजिब हो या नफिल 2 रकत वाली नमाज हो या तीन रकत वाली या चार रकत वाली जब हम आखरी में अपने पावों पर बैठते हैं उसी को

क़ादा-ए-आख़ीरा कहते हैं ।

7. नमाज़ पुरा करना

ये नमाज की आखरी फ़र्ज़ होता है इसमें अच्छी नियत के साथ सलाम फेरना होता है ताकि नमाज मुकमल हो सके ।


निष्कर्ष – conclusion

तो दोस्तों, आज आप ने जाना, कि Namaz Mein Kitne Farz Hai तो आपको हमारा ये आर्टिकल कैसा लगा अपनी राह कमेंट बॉक्स में जरूर दें ।

अगर आपके मन मे इस पोस्ट से जुड़े कोई सवाल हो तो जरूर पूछे इसी तरह की जानकारी पाने के लिए हमे फॉलो करना न भूलें ।

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