May 15, 2024
Salatul hajat ki dua

सलातुल हाजत की नमाज का तरीका – Salatul hajat ki dua, Tarika, Time, Rakat, Niyat

Salatul hajat ki dua :- दोस्तों, अगर आप इस्लाम धर्म से ताल्लुक रखते होंगे, तो आपने कभी ना कभी मौलवी साहब या फिर इमाम साहब के मुंह से सलातुल हाजत नामक शब्द तो अवश्य सुना होगा।

अगर आप आज पहली बार सलातुल हाजत का नाम सुन रहे हैं, तो कोई बात नहीं हम आज के पैगाम में आपको बताएंगे, कि सलातुल हाजत क्या है और सलातुल हाजत की नमाज किस तरह से अदा की जाती है ? और सलातुल हाजत की नमाज अदा करने की तरीका क्या-क्या होती है और सलातुल हाजत को करने का सही समय क्या है ?

अगर आप वाकई में सलातुल हाजत से संबंधित जानकारी हासिल करना चाहते हैं, तो हमारे इस पैगाम के साथ अंत तक बने रहे, तो चलिए शुरू करते हैं इस पैगाम को बिना देरी किए हुए।


सलातुल हाजत क्या है ? – Salatul Hajat Kya Hai

सलातु الحاجة، جिसे ‘सलातुल हाजत’ भी कहते हैं, एक सुन्नत मुआक्कदा नमाज है, जिसे अल्लाह की मदद, राहत और हजातों की पूर्ति के लिए पढ़ा जाता है।

ऐसा माना जाता है, कि इस नमाज को तभी अदा किया जाता है, जब किसी भी व्यक्ति के मन में कोई खास मकसद हो या फिर कोई जिगरी चाहत हो, मगर यह नमाज बिना किसी ख़ास मक़सद के भी पढ़ा जा सकता हैं।

हम आपके जानकारी के लिये बता दे, कि सलातुल हाजत में आपको दो रकत नफिल नमाज अदा करना होता है और अपने इच्छा और मकसद को अल्लाहताला को याद कर के उनके सामने बयान करना होता है।


Salatul Hajat ki Dua in Hindi

ला इला ह इल्लल्लाहुल हलीमुल करीमु

सुब्हानल्लाहि रब्बिल अर्शिल अज़ीम वल हम्दु लिल्लाहि रब्बिल आलमीन.

असअलु क मुज़िबाति रहमति क व अजाइम मग्फ़िर ति क वल गनी म त मीन कुल्ली बिररिव वस्सला म त मीन कुल्लि इस्मिन.

ला तदअ ली जम्बन इल्ला गफर तहु व ला हम्मन इल्ला फर्रज तहु व ला हा ज तन ही य ल क रीजन इल्ला क जै त हा या अर्हमर्राहिमिन.


Salatul Hajat ki Dua in Urdu

لا الہ الا اللہ لا الہٰی الیوم الکریم۔ ~اسالوکا موجی بطی رہ ما تک، و زا ما ما ما فیا ٹک، وال غا-

 نی ماتا من کل لی بیر، وص لا مت من کل لیثم ۔ لا ک دن طہ، ولا حجتم من ھٰذا و جدد دنیا والآخرہ مار-را-ہی-مین


Salatul Hajat ki dua in English

Laaa i-la-ha il-lal-la-hul-Ha-leemul kareem.

Sub-hanallahi rabi-bil arshilazeem.

Wal-Hamdu-lil-la-hi rabbil-Alameen

As’aluka muji-bati rah-ma-tik, waa-zaaa ‘i-ma mag-fira-tik, wal gha-

nee-mata min kul-li birr, was-sa-la-mata min kul-li ithm.

La ta-da` li dhan-ban il-la gha-far-tah, wala ham-man il-la far-raj-tah,

wala day-nan il-la ka-day-tah, wala hajatam-min ha-wa i-jid-dunya wal-aaa-khi-rah

He-ya laka ri-dan il-la qa-day-taha yaaa ar-ha-mar-ra-he-meen.


Salatul Hajat ki Namaz ka Time

सलातुल हाजत की नमाज अदा करने का कोई मुकरर वक़्त नहीं होता है, क्युकी यह नमाज़ नफिल है और यह किसी भी मुस्लमान पर फ़र्ज़ नहीं किया गया है। जिस प्रकार से अन्य नमाज किसी मुसलमान के लिए पढ़ना आवश्यक और फ़र्ज़ होता है, वैसा सलातुल हाजत की नमाज नही होती है।

सलातुल हाजत की नमाज को अदा लोग तब करते हैं, जब उन्हें अपने किसी खास मकसद की पूर्ति करनी होती है या फिर कोई खास चाहतों को पूरा करना होता है।

इस नमाज को करने से अल्लाह ताला आपके सभी जरूरतों को पूरा करने में मदद करता है और इंसान के ऊपर अपनी रजा फरमाता है।


Salatul Hajat ki Namaz ki Niyat

सलातुल हाजत की नियत को हमने नीचे में स्टेप बाय स्टेप करके लिखा है तो आप इसे याद कर ले और नीचे में हम आपको बताएंगे कि आखिर इस नियत को कब पढ़ना है तो आप बताए गए समय पर इसको पढ़ें।

नियत की मैंने 2 रकात नमाज सलातुल हाजत की वक्त मौजूदा वास्ते अल्लाह ताआला के मुंह मेरा तरफ काबा शरीफ के अल्लाहू अकबर


Salatul Hajat ki Namaz Padhne ka Tarika

 सलातुल हाजत की नमाज पढ़ने के लिए सबसे पहले आपको वजू करना होगा। अगर आप एक सच्चे मुसलमान होंगे तो आपको मालूम होगा कि कोई भी नमाज को अदा करने के लिए या फिर पाक काम करने के लिए वजू होना जरूरी है, तो सबसे पहले आप वजू करें।

आप जैसे ही वजू कर लेते है उस के बाद आप अपने आस पास एक पाक और साफ़ जगह ढूंढे और  उसके बाद जनेमाज़ या पाक कपड़ा बिछा दे फिर क़िबला रुख खड़े हो जाए। फिर ऊपर में जो हमने आपको नियत बताया था उसे करे।


नमाज़ की पहली रकात

ऊपर में बताए गए सभी स्टेप को अपनाने में बाद आप अपाने हाथ को उठाय और कानो तक ले जा कर बांध ले।

 फिर पाक दिल के साथ सना (सुबहानका अल्लाहुम्मा व बिहम्दीका व तबारका इस्मुका व त’आला जद्दुका वाला इलाहा गैरुका) पढ़े. फिर आउज़ बिल्लाहे मिन्नस सैतानिर्रजिम और बिस्मिल्लाहिर रहमानिर रहीम पढ़े.

इसके अलहम्दो शरीफ पढ़ने के बाद आमीन कहे फिर कुरान शरीफ की छोटी या बड़ी सुरह कोई एक को पढ़े। कोई भी सुरह को पढ़ने के बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए रुकू में जाए और कम से कम तिन बार सुबहाना रब्बियल अज़ीम कहे आप पांच बार भी कह सकते है, फिर समिल्लाहु लिमन हमीदा कहते हुए आप अपने जगह पर खड़ा हो जाए और रब्बना लकल हम्द पढ़े.

फिर अल्लाहु अकबर कहते हुए सजदा में जाए और दोनों सजदा के दरमियान 3 या पांच मर्तबा सुब्हान रब्बि यल आला पढ़े।

नमाज़ की दूसरी रकात

नमाज की दूसरी रकात में अब आपको अलहम्दो शरीफ पढ़ना है, अलहम्दो शरीफ पढ़ लेने के बाद आमीन कहे फिर कोई कुरान की सूरत मिलाए। फिर जिस प्रकार से आपने पहली नमाज़ के रुकू किया था ठीक इस बार भी रुकू करे। फिर उसी तरह सजदा भी करेंगे और दोनों सजदे करने के बाद दोनों पंजो पर बैठ जाए।

दोनों पंजो पर बैठे के बाद अत्तःहियत, दरुदे इब्राहीम, दुआ ए मशुरा को पाक दिल के साथ पढ़े फिर जैसे बाकि नमाजो में दोनों तरह सलाम फेरा जाता है।  वैस ही करे दे, ऐसे करने से आपकी सलातुल हाजत की नमाज़ मुकम्मल हुयी।


[ अंतिम शब्द ]

दोस्तों हम आशा करते हैं, कि आप हमारे इस लेख को तहे दिल से अंत तक पढ़ चुके होंगे और इस लेख के मदद से आप जान चुके होंगे कि, सलातुल हाजत की नमाज का तरीका क्या है और सलातुल हाजत की नमाज करते समय किन किन बातों का ख्याल रखा जाता है और सलातुल हाजत की दुवा कौन कौन सी होता है और सलातुल हाजत की नियत और समय क्या है।

अगर आपके ख्याल में अभी भी सलातुल हाजत  से जुड़ी कोई भी सवाल है, तो आप हमारे दिए गए कमेंट बॉक्स में मैसेज करके पूछ सकते हैं हम आपके सभी सवालों का जवाब अवश्य देंगे।

अल्लाह आपको खैरोफियत से रखे।


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