May 16, 2024
Cryptocurrency UPSC

Cryptocurrency UPSC Questions In Hindi

Cryptocurrency UPSC :- क्रिप्टोकरेंसी ने व्यापार, तकनीक और अन्य विभिन्न क्षेत्रों में तेज और कम खर्च वाली अवधारणा को प्रस्तुत की है।

हालांकि इसके उपयोग को लेकर समय-समय पर सरकार, उच्च न्यायालय व RBI के मध्य विभेद देखा गया है। यदि आप गूगल में upsc mains की तैयारी के किये cryptocurrency upsc सर्च कर रहें हैं तो आप सही जगह पर हैं।

इस आर्टिकल में हम upsc में क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित आने वाले सवालों के सभी पहलुओं को ध्यान से देखेंगे, साथ ही 2016 में इससे संबंधित पूछे गए सवाल के सभी पक्षों को शामिल करने का प्रयास करेंगे।

अभी कुछ सालों से mains के पेपर में cryptocurrency upsc का महत्वपूर्ण टॉपिक बनता जा रहा है।


Cryptocurrency UPSC Questions In Hindi

क्रिप्टोकरेंसी क्या है ?

क्रिप्टोकरेंसी एक प्रकार की डिजिटल करेंसी है जिसमें लेन-देन सम्बन्धित सभी जानकरियों को कूटबद्ध तरीके से रखा जाता है। इसे विकेन्द्रित डाटा बेस में सुरक्षित रखा जाता है, हालांकि अभी इसकी सुरक्षा पर कोई सवाल नही उठाये गए हैं, लेकिन विश्व  के किसी भी देश के केंद्रीय बैंक या सरकारों ने इस वैध तरीके से नही अपनाया है, इसलिए इसके भविष्य और वैधता को लेकर भय बना रहता है।

क्रिप्टोकरेंसी के आविष्कार का मुख्य उद्देश्य बैंकों और बिचौलियों की भूमिका को समाप्त करना था।

क्रिप्टोकरेंसी में किये गए लेन-देन का सत्यापन विश्व भर में फैले हुए डाटा बेस से ब्लॉकचेन तकनीक द्वारा किया जाता है जबकि किसी भी देश की वास्तविक मुद्रा का सत्यापन वहां के सरकारी बैंकों की गवर्निंग बॉडी करती है।

विश्व भर में अनेक क्रिप्टोकरेंसी मुद्रा मौजूद है पर उन सब में सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी के उदाहरण देखें तो उनमें कुछ प्रमुख क्रिप्टो निम्न हैं :-

  • बिटकॉइन
  • Ethereum
  • Binance coin
  • Cardano
  • Tether ……etc

ऐसे ही 1600 क्रिप्टोकरेंसी मुद्रा विश्व भर के बाजार में फैले हुए हैं। पिछले दिनों फेसबुक ने लिब्रा डिजिटल मुद्रा की घोषणा की है।


ब्लॉकचेन तकनीक क्या है ?

ब्लॉकचेन एक विकेन्द्रित बहीखाता है, सरल शब्दों में समझे तो विश्व भर में फैले कम्प्यूटर डाटा बेस को एक-दूसरे से जोड़ा जाता है और इसे एक ब्लॉक के रूप एन्क्रिप्ट कोड के द्वारा रखा जाता है, जिसमें प्रत्येक ब्लॉक लगभग 1MB तक का होता है, इन्ही ब्लॉक को एक चैनल के रूप में जोड़ा जाता है और कभी भी इस ब्लॉक के डाटा को डिलीट या एडिट नही किया जा सकता।

किसी भी नए विनिमय गतिविधि को डेटा बेस से जुड़े सभी कम्प्यूटरों द्वारा सत्यापित किया जाता है, ब्लॉकचेन तकनीक में इसे ही Nodes कहते हैं।


क्रिप्टोकरेंसी के लाभ

क्रिप्टोकरेंसी का सबसे बड़ा लाभ है, कि इसमें किसी तीसरे मध्यस्थ की आवश्यकता नही होती या यूं कहें, तो ना ही बैंक और बिचौलिये की आवश्यकता होती है।

क्रिप्टो के लेन-देन में किसी भी प्रकार के डॉक्यूमेंट, पहचान पत्र या अन्य वेरिफिकेशन पत्र की आवश्यकता नही होती, इससे हमारी निजी जानकारियां किसी के पास नही होती साथ ही किसी भी देश में क्रिप्टोकरेंसी के लेन देन में हमें किसी भी प्रकार का कोई अतिरिक्त शुल्क नही चुकाना पड़ता।

इन सभी बातों में एक कॉमन बात है गोपनीयता और क्रिप्टोकरेंसी का यही सबसे बड़ा लाभ है।


क्रिप्टोकरेंसी के दुष्परिणाम

क्रिप्टोकरेंसी के विनिमय पद्धति की गोपनीयता के कारण टेरर फंडिंग बहुत बड़ी समस्या है क्योंकि इसे ट्रेस कर पाना बहुत ही मुश्किल है, इसके कारण आतंकवादी गतिविधिया बढ़ेगी।

चूंकि किसी भी देश की बैंकिंग प्रणाली इसकी मौद्रिक नीतियों को नियंत्रित नही करती इसलिए इसके मूल्यों में अस्थिरता का भय बना रहता है। जैसे हम बिटकॉइन का ही उदाहरण देख लें 2021 में इसका मूल्य 46 लाख के करीब था और 2022 में इसका मूल्य 22 लाख भारतीय रुपये के बराबर रहा।

इसके व्यवस्थित लेन-देन के लिए लाखों कम्प्यूटर का इस्तेमाल किया जाता है इससे ऊर्जा अपव्यय भारी मात्रा में होती है जिसके कारण पर्यावरण प्रदूषण और तेजी से बढ़ रहा है।


भारत में क्रिप्टोकरेंसी का वैधानिक भविष्य

भारत सरकार ने 2019 में क्रिप्टोकरेंसी प्रतिबंध एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनिमय विधेयक लाकर क्रिप्टोकरेंसी को पूर्ण रुप से  प्रतिबंधित करने की कोशिश की लेकिन सर्वोच्च न्यायालय ने इसे भारतीय नागरिकों के मौलिक अधिकार का हनन माना और इसमें कुछ रूल्स व रेगुलेशन के साथ लोगों को निवेश का अधिकार प्रदान किया।

इसके लिए गठित समिति ने प्राइवेट करेंसी का विरोध तो किया लेकिन RBI और सरकार को ब्लॉकचेन व DLT के प्रति सकारात्मक रवैया अपनाने की सलाह दी इसी के कारण केरल सरकार ने केरल ब्लॉकचेन अकादमी स्थापित की और इसके विभिन्न क्षेत्रों में लाभ को समझने का प्रयास शुरू किया।

हमारे देश के कुछ राज्यों ने (केरल, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना आदि) सरकारी विभागों के विभिन्न आंकड़ों को सुरक्षित और एन्क्रिप्ट करने के लिए इसके तकनीकी पक्षों में काम करना शुरू किया है।


क्रिप्टोकरेंसी पर अंतर – मंत्रालयी समिति के सुझाव

2017 में क्रिप्टोकरेंसी के विनिमय में वृद्धि को देखते हुए एक अंतर – मंत्रालयी समिति का गठन किया गया। 2019 में इसी समिति ने क्रिप्टोकरेंसी प्रतिबंध एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनिमयन विधेयक का मसौदा तैयार किया। इस समिति के कुछ प्रमुख सुझाव हैं:-

  • प्राइवेट सेक्टर द्वारा जारी सभी प्रकार के क्रिप्टोकरेंसी का विनिमय बन्द हो।
  • क्रिप्टोकरेंसी पर व्यापार या निवेश करने पर 10 वर्ष तक कि सजा और आर्थिक दंड की बात इस समिति ने कही।
  • वित्तीय गड़बड़ी से हुई क्षति या लाभ पर तीन गुना के जुर्माने का प्रावधान।
  • भविष्य में RBI को अपनी डिजिटल करेंसी जारी करने का सुझाव भी इसी समिति ने दिया।

सर्वोच्च न्यायालय के आदेश

न्यायालय ने डिजिटल करेंसी पर RBI द्वारा लगाये गये प्रतिबंध को तर्कसंगत नही माना क्योंकि :-

  • RBI क्रिप्टोकरेंसी से होने वाले ख़तरों को नही बता पाई।
  • भारत में क्रिप्टो पर कोई प्रतिबन्धों नही है।
  • क्रिप्टो के संचालन को लेकर सरकारी पक्ष में मतभेद को भी न्यायालय ने कोट किया।
  • अन्तर – मंत्रालयी समिति ने 2018 में इसके व्यापार को मंजूरी दी थी और 2019 में इसी समिति ने प्रतिबंध की मांग की।

भारत सरकार की क्रिप्टोकरेंसी पर राय

  • 16 जुलाई 2019 को सरकार ने संसद में बताया कि देश में क्रिप्टोकरेंसी पर किसी भी प्रकार का कोई प्रतिबन्ध नही है।
  • क्रिप्टोकरेंसी सम्बन्धित गैरकानूनी कामों को रोकने के लिये पुलिस ipc की धाराओं के अनुसार कार्यवाही कर सकती है।

केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री ने बताया कि क्रिप्टोकरेंसी पर देश में कोई कानून नही है लेकिन RBI, परिवर्तन निदेशालय और आयकर विभाग मौजूदा कानूनों के तहत कार्यवाही कर सकती है।


प्रमुख घटनाक्रम
  • 6 अप्रैल 2018 को RBI ने क्रिप्टोकरेंसी में व्यापार को प्रतिबंधित करने के लिए परिपत्र जारी किया।
  • 4 मार्च 2020 को सर्वोच्च न्यायालय ने RBI के इस कदम को बेहद सख्त पाया और क्रिप्टोकरेंसी के व्यापारिक गतिविधियों में लगे प्रतिबन्धों को हटा दिया।
  • सर्वोच्च न्यायालय ने सरकार को निर्देश दिया कि क्रिप्टोकरेंसी को लेकर जन जागरूकता बढ़ाए व साथ ही तकनीकी ज्ञान रखने वालों और सामान्य निवेशकों के मध्य समन्वय तंत्र स्थापित करे।

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निष्कर्ष :-

यह आर्टिकल संघ लोक सेवा आयोग के अभ्यर्थियों को ध्यान में रखकर लिखा गया है, क्योंकि विगत कुछ वर्षों से cryptocurrency upsc का पसंदीदा टॉपिक बनता जा रहा है और इससे सम्बन्धित सवाल mains  के पेपर में पूछे भी गए हैं।

यदि आपके मन में अभी भी कोई प्रश्न है तो आप हमें कमेंट या मेल कर सकते हैं।

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